Delhi Elections 2020: पूर्वांचली वोटों पर नजर, दिल्ली में सभी पार्टियों ने झोंकी ताकत

  • दिल्ली में 40 फीसदी पूर्वांचली वोट

  • कांग्रेस और बीजेपी की खास नजर

  • बीजेपी ने उतारे सीएम और सांसद


दिल्ली चुनाव में पूर्वांचली वोटरों पर सभी राजनीतिक दलों की नजर है क्योंकि कुल वोटरों का करीब 40 फीसदी हिस्सा इसी इलाके से आता है. बीजेपी हो या फिर कांग्रेस सभी बड़ी पार्टियां पूर्वांचलियों को लुभाने में लगी हैं. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश और बिहार के शीर्ष बीजेपी नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और अपने इलाके के मतदाताओं से बीजेपी के पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे हैं. इन नेताओं की रैलियां उन इलाके में हो रही हैं जहां पूर्वांचली वोटर ज्यादा हैं, यहां तक कि भाषा और क्षेत्र विशेष को ध्यान में रखते हुए नेताओं के प्रचार का प्लान तैयार किया गया.


बीजेपी ने उतारे दिग्गज


बीजेपी के सांसदों से लेकर मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों ने दिल्ली में चुनाव प्रचार किया है जिसका सिर्फ एक मकसद है कि कैसे दिल्ली की सत्ता में पार्टी की वापसी कराई जाए. बीजेपी के प्रवक्ता राहुल त्रिवेदी ने कहा कि बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी से लेकर निरहुआ जैसे भोजपुरी स्टार दिल्ली में प्रचार कर रहे हैं, इनके अलावा कई प्रभारी सांसद और मंत्री भी राजधानी में  प्रचार कर चुके हैं.


बाहरी नेताओं के दिल्ली में प्रचार का इंतजाम भी स्थानीय नेताओं की ओर से किया गया. बिहार की पंचायती राज विंग के संयोजक ओम प्रकाश भुवन ने इसमें अहम भूमिका निभाई है जो कि गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के लिए उजियारपुर संसदीय क्षेत्र में प्रचार का जिम्मा संभाल चुके हैं. भुवन दिल्ली के संगम विहार में लगातार प्रचार कर रहे हैं जहां पूर्वांचली बड़ी तादाद में रहते हैं.




ओम प्रकाश भुवन ने बताया कि हमारी प्रधानमंत्री मोदी ने कच्ची कॉलोनियों को अधिकृत करने का काम किया है जिनमें बिहार और पूर्वी यूपी से आए ज्यादातर लोग रहते हैं. पूर्वांचल के भाई-बहनों को अब अपनी संपत्ति का अधिकार हासिल है. उन्होंने कहा कि बैठकों का आयोजन करके लोगों को जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में उन्हें बताया जा सके. यह बैठकें हमारी मातृभाषा भोजपुरी में भी आयोजित की गई हैं.


कांग्रेस गिना रही पुरानी उपलब्धियां


इसी तरह कांग्रेस ने भी छोटे-छोटे इलाकों में अपने पूर्वांचली नेताओं को प्रचार में उतारा है. बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा पिछले एक महीने से दिल्ली में डेरा डाले हैं. झा के अलावा पूर्णियां के कांग्रेस नेता मसूद जफर, गया के चैतन्य सिंह समेत कई कांग्रेसी दिल्ली में अपने समर्थकों के साथ मैदान में उतर चुके हैं. मसूद पिछले लोकसभा चुनाव से दिल्ली कांग्रेस कमेटी से भी जुड़े हुए हैं और मंगोलपुरी इलाके में पूर्वांचलों को लुभाने में जुटे हैं.


कांग्रेस नेता मसूद जफर ने कहा कि हम लोगों को बताने में जुटे हैं कि कैसे उनके इलाकों में बीते 5 साल से विकास की रफ्तार रुकी हुई है. उन्होंने कहा कि जो दिल्ली आज दिख रही है वह पूरी कांग्रेस सरकार की ही देन है, मसूद ने बताया कि चुनावी सभाएं हमारी आम भाषा मैथिली और भोजपुरी में आयोजित की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि हर छोटे से छोटे मुद्दे पर हम चर्चा कर रहे हैं और लोगों को बता रहे हैं कि कैसे पूर्वांचलियों को दरकिनार किया गया और अब दिल्ली को फिर से सत्ता में लाना जरूरी हो गया है.


विदेश से आए AAP वॉलिंटियर्स


आम आदमी पार्टी भी कुछ इसी तरह की रणनीति पर काम कर रही है. पार्टी ने तो देश से नहीं बल्कि विदेश से भी अपने समर्थकों को प्रचार के लिए बुला रखा है. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने बताया कि अलग-अलग देशों से करीब 10 हजार वॉलनटियर्स दिल्ली में AAP के लिए प्रचार कर रहे हैं और केजरीवाल सरकार के काम के बारे में लोगों को बता रहे हैं.


ऐसे ही एक वॉलनटियर हैं कमल गर्ग जो कि कनाडा में इंजीनियर हैं. दिल्ली चुनाव के लिए गर्ग ने अपने काम से दो माह ही छुट्टी ले रखी है और पार्टी के लिए प्रचार में जुटे हैं. उनके जिम्मे पार्टी ने अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटक करवाने की जिम्मेदारी सौंपी है. पार्टी की नेता प्रीति शर्मा ने बताया कि इस बार खाड़ी देशों से सबसे ज्यादा वॉलनटियर पार्टी के प्रचार के लिए दिल्ली आए हुए हैं.